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बुधवार, 16 जुलाई 2008

अब बैंडिट टूरिज्म


राजस्थान की सरकार में बैठे कुछ ज्ञानियों की चली तो जल्द ही बीहड़ डरने की नहीं देखने और सैर सपाटे की जगह होगी। अकेली राजस्थान सरकार ही क्यों मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सरकार भी इससे लगभग सहमत ही है। मसला यह है कि राजस्थान सरकार ने चंबल के बीहड़ो में टूरिज्म को बढ़ावा देने की पूरी रुपरेखा भी तैयार कर ली है। इस योजना के तहत पर्यटकों को उन स्थानों पर घूमाया जाएगा जहां कभी डकैत रहा करते थे या फिर जिन जगहों पर मशहूर मुठभेड़ हुई या कोई डकैत मारा गया। इसके साथ ही बीहड़ में डकैत किस तरह रहते हैं और उनकी दिनचर्या क्या रहती है यह भी बताया जाएगा। इस सबके लिए गाइड का काम करेंगे आत्मसमर्पण कर चुके डकैत। इन डकैतों को इसके लिए तैयार भी किया जा रहा है। राजस्थान डांग एरिया डवलपमेंट बोर्ड के चैयरमेन का कहना है कि करौली, भरतपुर, धौलपुर, कोटा के बीहड़ों में इसके लिए काम शुरू भी कर दिया गया है। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश सरकार से भी इस मुद्दे पर बातचीत जारी है। इनकी सहमति मिलते ही तीनों सरकारें सम्मिलित तौर पर इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएंगी। यानी अब बीहड़ से सीधा पैसा बनाया जाएगा। भइया इस तरह तो सरकार मेरे ब्लॉग के पीछे पड़ गई है। जब वही यह काम करेगी तो हम क्या करेंगे।