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रविवार, 21 जून 2009

एकजुट हो रहे शंकर और उमर के साथी

चित्रकुट और बांदा के जंगलों में घनश्याम केवट के मारे जाने के बाद डकैत गिरोहों ने नई रणनीति बनाकर इसका बदला लेने की तैयारी की जा रही है। पचास-पचास हजार के ईनामी शंकर और उमर केवट के मारे जाने के बाद उनके बचे साथी अब एकजुट होकर अपनी ताकत बढ़ाने में लगे हैं। पुलिस अब तक यहां ददुआ, शंकर, उमर, लवकुश केवट, बच्चा केवट, रामराज केवट, बीस हजार के ईनामी बूंदी पासी का सफाया कर चुकी है। अब उमर गैंग का सदस्य रहा फतेहपुर जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र के डडियां गैंग के कल्लू केवट ने नए गैंग की कमान संभाली है। इस गैंग में मो.शाहिद, होरीलाल, रमेश केवट और रामपाल केवट हैं। इस गैंग के पास दस्यु उमर, रामराज और लवकुश केवट गैंग के दर्जनों हथियार भी हैं। वहीं शंकर गैंग की कमान किशनपुर थाना क्षेत्र के ही मडैडयन गांव के रामफल केवट ने संभाली है। इस गैंग में बुज्जन केवट, मोती केवट, होरीलाल, राममिलन केवट हैं। इन गैंगों ने अपना ठिकाना धाता, किशनपुर, खखरेरू व असोथर क्षेत्र को बनाया है।

अभी जिंदा है सुंदर पटेल

घनश्याम केवट को मारने के बाद उत्तरप्रदेश के बीहड़ को डाकुओं से खाली कराने का दावा कर रही प्रदेश पुलिस क्या सुंदर पटेल को भूल रही है। सुंदर पटेल की ताकत से पुलिस वाकिफ है। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में आतंका का पर्याय इस डकैत पर डेढ़ लाख का ईनाम है। इसमें एक लाख मध्यप्रदेश सरकार ने और 50 हजार उत्तरप्रदेश सरकार ने घोषित किया है। सुंदर पटेल उर्फ रागिया की ताकत निर्भय जैसे डकैतों के बराबर आंकी जाती है। उसका निशाना भी अचूक बताया जाता है। यह डकैत मध्यप्रदेश के चित्रकूट से सटे एक गांव में आग लगा कई लोगों को मारने के बाद चर्चा में आया।

चंबल में घिरा कुख्यात राजकुमार गैंग

मध्यप्रदेश के अटेर(भिंड)थाना क्षेत्र में चंबल नहर कनैरा परियोजना पर काम कर रहे प्रोजेक्ट इंजीनियर समेत छह लोगों का अपहरण की खबर से बीहड़ में खलबली मच गई है। दस्यु राजकुमार पकड़ों के साथ चंबल के बीहड़ में घिर गया है। चंबल रेंज के डीआईजी और आगरा रेंज के डीआईजी के बीच वार्ता हुई। इसके बाद रेंज स्कीम लागू कर बदमाश गिरोह की धरपकड़ शुरू कर दी है। बाह, जैतपुर, चित्राहाट, खेड़ा राठौर, बासौनी की पुलिस ने बीहड़ को घेर लिया है। अपहृत लोगों में शरद झवर (इंदौर), अभिमन्यु त्रिपाठी(गोरखपुर, सुरेश माहेश्वरी(भिंड),ड्राइवर सलील खान (भिंड), गनमैन संतोष पचौरी(कनेरा), मैकेनिक दिलीप ओझा शामिल हैं।
सिमराई गांव का है कुख्यात राजकुमार
चंबल के बीहड़ में एक नई ताकत के रूप में उभरा राजकुमार मूलरूप से उत्तरप्रदेश की बाह तहसील के खेड़ा राठौर थाने के सिमरई गांव का रहने वाला है। उसने चंबल के बीहड़ में मध्यप्रदेश के क्षेत्र में अपराध कर इस दुनिया में कदम रखा। राजकुमार का छह सदस्यीय गैंग मध्यप्रदेश में वारदात कर उत्तरप्रदेश के जंगलों में छिपता रहा है। उसके एक साथ छह लोगों का अपहरण कर यूपी, एमपी पुलिस को खुली चुनौती दी है।